भारतीय नारी के बिना कोई समाज, व्यक्ति, परिवार पूर्ण नहीं होता है, नारियों के संबंध में कम जानने के कारण अनेक लोग तनाव का शिकार हो जाते है और जीवन के उत्साह को खो बैठते हैं, विशेष रूप से नारियों को भोग के विषय में एवं धर्म की आड़ में गलत तरीके से प्रस्तुत किया जाता रहा है, किन्तु, हमारे प्राचीन काल में भारतीय नारी के विषय में महापुरुषों और आधुनिक विचारक क्या कहते हैं,
भारतीय नारी अपने पति को स्वयं से भी अधिक प्रेम करती है।
भारतीय पत्नी अपने पति की सारी कमियों को छुपा देती है अर्थात, अपने पति की अपूर्णता को पूर्ण कर देती है।
भारतीय नारी, अपने पति का साथ किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में विपरीत स्थिति में कभी नहीं छोड़ती है, महान पत्नी "सावित्री" इसका उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
चाहे पति विकलांग हो जाए या मृत्यु को प्राप्त हो जाये भारतीय पत्नी दूसरा विवाह कभी नहीं करती है।
भारतीय पत्नी अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत और पूजन करती हैं।
भारतीय नारी अपने पति की खुशी को खुद की खुशी से ज़्यादा बढ़कर मानती है।
भारतीय पत्नी, पति को परमेश्वर मानती है।
भारतीय पत्नी, की तुलना विश्व में किसी भी पत्नी से नहीं हो सकती है।
भारतीय पत्नी, अपने पति को खुश देखने के लिए कुछ भी कर सकती है।
भारतीय आदर्श पत्नी मृदुभाषिणी, सदा प्रसन्न रहने वाली, अपने घर और पति को कुशलतापूर्वक संभालने वाली, उसे युक्तिपूर्ण सलाह देने वाली होती है।
वहीं, अन्य प्रकार की पत्नी जो सदा दुःखी रहती है, खिन्नता उसकी प्रकृति होती है, वह सदा असन्तुष्ट रहती है, पति से भेद रखती है।
जिस प्रकार रोग या व्याधि की उपेक्षा करने पर वह असाध्य हो जाती है, उसी प्रकार भारतीय पत्नी का आदर नहीं करने पर पुरुष का सर्वनाश हो जाता है।
भारतीय पत्नी के गुणों के बारे में जितना लिखा जाए उतना कम है।
सभी भारतीय पत्नियों व नारियों के त्याग को नमन
Kahani Rishte Ki - टीम / पति पत्नी का रिश्ता
लेखन और संपादन: कहानी रिश्ते की : टीम
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