Radha krishna story |
राधा कृष्ण की लव स्टोरी - Radha Krishna Story in Hindi
राधा कृष्ण के प्यारे दर्शको ये कहानी Radha krishna story of heart touching love, है दो ऐसे प्रेमियों की जिनका प्रेम शरीर, समाज और समय से परे था। ऐसे प्रेमी जिनको एक दूसरे का साथ तो नसीब ना हुआ, लेकिन ये संसार हर मंदिर में उन दोनो को साथ रखता है। हाँ हम बात कर रहे हैं उसी प्रेम भरी राधा की जो कृष्ण के उनकी बाँसुरी से भी ज़्यादा करीब थी।
कहते हैं वृंदावन में रहते हुए कृष्ण ने अपनी मधुर बाँसुरी से कितनी ही गोपियों के मन को जीता। लेकिन अगर उनकी बसुरी पर सबसे ज़्यादा कोई मोहित होता था, तो वो थी राधा। और ज़रा प्रेम का खूबसूरत रहस्य देखिए कि, कृष्ण राधा से भी ज़यादा उनके दीवाने थे। इतने दीवाने कि, वो जान बुझ कर सब गोपिओं के मन बाँसुरी से मंत्रमुग्ध कर देते थे ताकि वो राधा के पास जाकर पूर्ण मन से बात कर पाए|radha krishna story in hindi
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समय बीता और कृष्ण राधा को वृंदावन में अकेले क्यो छोड़ के चले गये ये तो वही जानते हैं। और राधा ने इस अगाध प्रेम का विकट विछोह कैसे सहा होगा इसका वर्णन दुनिया का महानतम करुण रस भी शायद नही कर सकता। जीवन आगे बढ़ा और राधा को सामाजिक नियमों के अनुसार विवाह करना पड़ा और अपनी घर गृहस्थी तथा बच्चों को ईमानदारी के साथ देखने लगी। लेकिन एसा एक भी दिन नही गया होगा की राधा ने अपने कृष्ण को याद न किया हो। दिन में कुछ समय वो अपने कृष्ण के ध्यान में ज़रूर गुज़ारती थी। जीवन ऐसे ही बीतता गया। राधा अब वृद्ध हो चुकी थी और सांसारिक ज़िम्मेदारियों से मुक्त भी।
राधा कृष्ण की लव स्टोरी- Radha Krishna Love Story in Hindi
और बरसो की दबी प्यास के लिए समंदर ढूँढने किसी अकेली रात वो चल निकली अंजान राह पर। भटकते भटकते कृष्ण के महल पहुँची। लोगो ने मिलने नही दिया। कई रोज बिता दिए उनको देखन की आस में। फिर एक दिन भीड़ में शामिल होके उन्हे अपने कृष्ण के दर्शन हो गये, और कृष्ण को राधा के। कृष्ण ने ऐसी खुशी कितने बरसो बाद महसूस की होगी ये उन्ही को पता होगा, लेकिन दोनो में बात नही हुई, शायद शब्द खामोशी से हो रही बातों में व्यवधान डाल देते। फिर कृष्ण ने उनको अपने महल में देविका के तौर पर रख लिया। दिन भर महल के कामो में व्यस्त रहती और कभी कभी कृष्ण के दर्शन उनका काम करना सार्थक कर देते थे। radha krishna story
समय बीतता गया और धीरे धीरे कृष्ण को देखने की खुशी के साथ स्वाभाविक तौर पर कृष्ण को ना देख पाने का दुख भी उनके हृदय में घर करने लगा। और इसी उथल पुथल के साथ एक रात राधा ने द्वारका छोड़ दी और किसी अज्ञात जगह पर चली गयीं। फिर वो भी समय आया जब राधा इस संसार से विदा लेना चाहती थी। उनके अंदर कृष्ण को आख़री बार देखने की बहुत तीव्र इच्छा उठी।
राधा कृष्ण की कहानी- Radha Krishna Story in Hindi
और इसी इच्छा फलस्वरूप कृष्ण के अंतर्मन ने वो प्रेम की गहरी पुकार सुन ली और अपने प्रेम से मिलने सर्वज्ञ कृष्ण, राधा के पास पहुँच गये। कृष्ण ने राधा से कहा कुछ माँगने को। लेकिन कृष्ण को देखकर ही तृप्त हो जाने वाली राधा कहाँ कुछ माँगने वाली थी। कृष्ण को कह दिया कुछ नही चाहिए। कृष्ण ने कहा कि तुमने जीवन भर मुझसे कुछ नही माँगा, आज कुछ माँग लो। इतना आग्रह करने के बाद राधा ने कहा कि वो आख़री बार उन्हे बाँसुरी बजाते हुए देखना चाहती हैं। radha krishna story
फिर कृष्ण ने राधा की इच्छा पुरी करने के लिए बाँसुरी बजाई और इतनी प्रेम भरी धुन बजाई कि वैसी किसी ने इस संसार में नही बजाई, खुद कृष्ण ने भी नहीं। और यही बाँसुरी सुनते सुनते राधा का शरीर फूलों जैसा झरने लगा और वो हवा में विलीन हो गयी। उनकी आत्मा परमात्मा से जाकर मिल गयी तब कृष्ण ने उस बाँसुरी को तोड़ के फेंक दिया। शायद नही चाहते थे की फिर कभी उनकी बजाई बाँसुरी की धुन कोई और सुने।
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