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देवीपुजक समाज का इतिहास | Devipujak Samaj History in Hindi

Devipujak Samaj History in Hindi

Devipujak Samaj History in Hindi


दोस्तों आज हम उस समाज की बात करने वाले हैं, जो भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में विकसित है। Devipujak Samaj History in Hindi जो सदियों से मर्यादाओं का पालन करता आ रहा है जो मातृभूमि और मातृदेवी की पुजा एवं हमेशा अपने धर्म का पालन करता है। और हम उनकी महानता के बारे में भी बात करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि लेख आपको बेहद पसंद आएगा, तो चलिए शुरू करते हैं।

देवीपुजक समाज एक महत्वपूर्ण हिन्दू सामाजिक संगठन है जिसका उद्देश्य मातृभूमि और मातृदेवी की पूजा एवं समर्पण के माध्यम से समाज में धार्मिक उत्थान करना है। देवीपुजक समाज जो सदियों पहले वह वाघरी नाम से जाना जाता था जो बाघ का स्वरूप माना जाता है। सदियों पहले बाघ स्वरूप वाघरी समाज गांवों में बाघो से लोगो की रक्षा करते थे। उस समय गांवों में ऐसे कोई व्यक्ति नहीं थे जो बाघ से लड़कर गांव के लोग की रक्षा कर सके। फिर देवीपुजक समाज ने यह निर्णय लिया की हम गांव की रक्षा करेंगे, वह बहुत बलशाली थे। उसके बाद से जो भी बाघ और शेर गांव में आते थे तो देवीपुजक उनसे लड़कर मारदेते थे। उसी वक्त से उस समाज का नाम बाघरी रखा गया। और आज भी वह समाज बाघ जैसे ही है। यह समाज एक प्रकार के धार्मिक आंदोलन का हिस्सा भी माना जाता है- जिनका उद्घाटन भारतीय उपमहाद्वीप में हुआ है। History in Hindi


Devipujak Samaj History in Hindi | Devipujak Samaj ka itihas


देवीपुजक समाज की उत्पत्ति 

बता दें कि देवीपुजक समाज की उत्पत्ति आदिगुरु दत्तात्रेय जी ने कि थी। उस समाज की उत्पत्ति का अनुशासन आदिगुरु दत्तात्रेय प्रतिष्ठित है, जिन्होंने इसे विकसित किया और फैलाया। इसका प्रारंभ कई सालों पहले हुआ था जब दत्तात्रेय जी ने विश्वभर में देवीपुजा के महत्व को बताया और इसके प्रति लोगों को जागरूक किया । इसके पीछे एक मुख्य कारण था कि दत्तात्रेय ने मातृभूमि की पूजा के माध्यम से समाज में धार्मिक जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया और उसमे वह सफल भी रहे।


देवीपुजक समाज की धार्मिक मान्यताएँ और सिद्धांत

देवीपुजक समाज एक धर्मसाली समाज हैं जो किसी भी हाल में वह अपने धर्म का पालन करते हैं। उनका मूल सिद्धांत मातृभूमि की पूजा और मातृदेवी के प्रति श्रद्धा है। इस समाज के सदस्य अपने जीवन में मातृदेवी और कुलदेवी की आराधना और उनके प्रति भक्ति को महत्वपूर्ण मानते हैं। वो वहीं करते हैं जो उनके मन की इच्छा हो, उस समाज पर किसी का भी बंदन नहीं है। यह समाज स्त्रीओ के उत्थान और समाज में उनके अधिकारों और रक्षा के प्रोत्साहन के लिए भी प्रसिद्ध है। 
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हमारे भारत देश में देवीपुजक समाज का आदर्श और संदेश आज भी महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से स्त्रीओ की सशक्तिकरण और समाज में सामाजिक न्याय की दिशा में यह समाज ने हमारे भारतीय समाज में विशेष रूप से महिलाओं के प्रति समर्पण और त्याग की भावना को मजबूत किया, और उन्हें साक्षरता और शासन की दिशा में मार्गदर्शन किया। देवीपुजक ही एक ऐसा समाज हैं जो स्त्रीओ का इतना आदर्श और सम्मान करते हैं।


देवीपुजक समाज की गतिविधियाँ

इस समाज के प्रत्येक सदस्य विभिन्न धार्मिक आयोजनों और कार्यक्रमों में हमेशा भाग लेते हैं जिनमें मातृदेवी की पूजा एवं धार्मिक संवाद और सामाजिक सुधार शामिल होते हैं। वे आमतौर पर स्त्रियों की शिक्षा उनके स्वास्थ्य और समाज में उनके सहयोग के लिए कार्यरत रहते हैं।


देवीपुजक समाज का उद्देश्य सिर्फ धार्मिक ही नहीं है बल्कि यह समाज महिलाओं के अधिकारों और समानता की महत्वपूर्ण बातों को भी उन्हें समझाने का काम करता है। जो यह ओर कोई समाज में देखने को नहीं मिलता। इसके अलावा भी कई क्षेत्रों में स्त्रीयों की समस्याओं का समाधान करने के लिए इस समाज ने हर प्रयास किए हैं। और यह समाज कभी किसी की गुलामी नहीं करता वें महेनत करके अपना पसीना बहा देते हैं किन्तु किसी की गुलामी करना Not Possible उनके सामने किसी की भी नहीं चलती, वें वहीं करते हैं जो उनका मन हो।

लोगों में सामाजिक सुधार और उत्थान

देवीपुजको ने समाज में सामाजिक सुधार और स्त्रियों के अधिकारों की सुरक्षा के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाई है, यह समाज स्त्रीयों के शिक्षा सम्मान को प्रोत्साहित करता है ताकी उन्हें भी समाज में मान सम्मान मिले और शिक्षा की भी बढ़ोतरी हो


देवीपुजक SMJ एक ऐसा संगठन है जिसने धार्मिकता और समाज में सुधार को एक साथ जोड़कर एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके माध्यम से वे अपने धर्म को नहीं भुले जो गुरु दत्तात्रेय ने सिखाया था उनमें आज भी मात्रूभक्ती जिवीत है। और उन्होंने हमेशा अपनी धार्मिक जागरूकता और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में प्रयास किया है। History in Hindi

जो आज संपूर्ण गुजरात में स्थित है, और यह समाज सिर्फ गुजरात में ही नहीं बल्कि पुरे भारत देश और पाकिस्तान, दुबई, एसे कई देशों में अपना अधिपत्य जमाया है। यदि यह समाज मिलकर एक हो जाएं जो आज बिछड़े हुए हैं तो वे किसी भी राज्य को जीत सकते हैं।


उनका धर्म

और उनकी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह समाज किसी का भी बुरा नहीं करते, आज लोग किसी का खुन करने में भी नहीं हिचकिचाते हैं, किन्तु बाघ स्वरूप देवीपुजक समाज आज भी अपने धर्म का पालन करते हैं। वह किसी का खुन तो क्या किसी के साथ बुरा करने की भी नहीं सोचते है, यही तो उनकी महानता है, और यही उनका धर्म है। उनकी देशभक्ति है, उनकी मातृभक्ती है, जो गुरु दत्तात्रेय ने सिखाया था, हमें उस समाज से कुछ सिखने की जरूरत है, Devipujak Samaj History in Hindi


क्या आपको लगता है कि हम में धर्म के नाम की कोई चीज है। आज लोग पैसे के पुजारी हैं, लोग पैसे के लिए किसी का भी खुन कर देते हैं। किसी की संपत्ति छिन लेते हैं, किसी का घर उजाड़ देते हैं, किसी को भी किडनैप कर लेते हैं। किसी की मां बहन को लुट लेते हैं। क्या यही हमारी देश भक्ति है, और देवीपुजक ऐसा कुछ भी नहीं कर सकते, क्योंकि वे धर्म पालक है। वह उनकी देश भक्ति है।

तो दोस्तों देखा आपने की देवीपुजक समाज की कितनी महानता है। यही तो उनकी देश भक्ति है और उनका धर्म भी । हम उम्मीद करते हैं कि आपको देवीपुजक समाज का इतिहास | Devipujak Samaj History in Hindi हमारा यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा, और आपको कुछ सिखने को मिला होगा । यदि आपका कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं, और यह आर्टिकल आगे भी शेयर जरुर करें ताकि वें भी अपना धर्म जान सके और मातृभक्ती किसे कहते हैं वो भी उन्हें पता चले। धन्यवाद

🙏🙏जय हिन्द जय भारत 🙏🙏


Subhash Chekhaliya
लेखक: Subhash Chekhaliya


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