कहानी रिश्ते की - में हम हर दिन एक से बढ़कर एक अजब गजब रिश्ते की कहानिया और प्रेम कहानिया प्रकाशित करते हैं। इसी कड़ी में हम आज “Motivational Story in Hindi” प्रकाशित कर रहे हैं।
लेखक - सुभाष चेखलीया
में एक जिद्दी ओर सोकीन लड़की हुं मेरा नाम अंजलि है और हमारा एक छोटा सा परिवार है आज मे बात करने जा रही हु मेरे छोटे भाई की जो युवा होते ही सारी जिम्मेदारी अपने सर पे उठाली ओर मे कुछ नही कर पाई !! मेरा छोटा प्यारा भाई, इस साल कॉलेज की पढ़ाई ख़त्म हुई थी और मेरे भाई ने एक अच्छी नौकरी ढूंढ निकाली और नौकरी मिलते ही मेरे छोटे भाई ने घर का सारा खर्चा अपने आप पर ले लिया था और पापा से उसके जीवन और स्वास्थ बीमा पॉलिसियों के डिटेल्स ले लिए, इस महीने मे उसने अपने दोनों बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम खुद अपने पगार के पैसों से भरा ! मे सोचती ही रही की मेरा भाई
लड़की लड़के को युवा होते ही किन चीज़ों पर ध्यान देना चाहिए? Motivational Story in Hindi
मुझसे छोटा है और इतनी समझ है फिर मैंने अपने भाई से पुछा की ऐसा क्यों किया तुमने फिर वह बोला ,माँ बाप की ज़िम्मेदारी होती है की बच्चों की परवरिश करके उन्हें काबिल बनायें। और बच्चों की ज़िम्मेदारी होती है की काबिल बन ने के बाद माँ बाप की कुछ ज़िम्मेदारियाँ अपने कन्धों पर ले लें और अपने माँ-बाप का भार कम करे मेरा भाई अपनी बाते सुना रहा था और मे उसकी बाते ध्यान से सुन रही थी उसकी इस बात को सुनकर मुझे एहसास हुआ की मेरा छोटा भाई, जो मुझसे 8 साल छोटा है, वह कब बड़ा हो गया और वो इतनी छोटी सी उम्र मे मुझे सीख दे गया। उसकी उम्र में मेरे दिमाग में ऐसा ख़याल कभी नहीं आया था !
Life changing story in Hindi
मुझसे छोटा है और इतनी समझ है फिर मैंने अपने भाई से पुछा की ऐसा क्यों किया तुमने फिर वह बोला ,माँ बाप की ज़िम्मेदारी होती है की बच्चों की परवरिश करके उन्हें काबिल बनायें। और बच्चों की ज़िम्मेदारी होती है की काबिल बन ने के बाद माँ बाप की कुछ ज़िम्मेदारियाँ अपने कन्धों पर ले लें और अपने माँ-बाप का भार कम करे मेरा भाई अपनी बाते सुना रहा था और मे उसकी बाते ध्यान से सुन रही थी उसकी इस बात को सुनकर मुझे एहसास हुआ की मेरा छोटा भाई, जो मुझसे 8 साल छोटा है, वह कब बड़ा हो गया और वो इतनी छोटी सी उम्र मे मुझे सीख दे गया। उसकी उम्र में मेरे दिमाग में ऐसा ख़याल कभी नहीं आया था !
Life changing story in Hindi
हमारे पापा कई सालों से उसके लिए बीमा बनवाकर प्रीमियम भर रहे थे, नौकरी लगते ही मेरे भाई ने प्रीमियम भरने की ज़िम्मेदारी उसने अपने सर उठा ली थी! उसने यह भी कहा है की मेरी आगे की पढ़ाई के लिए वह पैसे जमा कर रहा है और भविष्य में शादी के लिए भी पापा पर निर्भर नहीं रहेगा!
मुझे बहुत पछतावा हो रहा था काश यह सोच मेरे दिमाग में भी आयी होती जब मैंने कमाना शुरू किया था!
मित्रो इस सवाल पर मेरा एक ही उत्तर है की एक युवा { लड़का और लड़की दोनों } को नौकरी मिलते ही माँ बाप की कुछ ज़िम्मेदारियों को अपने कन्धों पर ले लेना चाहिए तभी हम आगे बढ़ेंगे !! आपका एक कदम आपकी जिंदगी बदल देगा !!
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