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मेरी जिंदगी की पहली मुलाक़ात - hamari adhuri kahani in hindi

hamari adhuri kahani in hindi

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मेरा नाम रोशनी है मै 21 साल की हुं !! आज मे आपको अपनी Life story सुनाऊंगी । मेरी जिंदगी की पहली मुलाक़ात - Hamari adhuri kahani in hindi

कहते हैं जोड़ियाँ उपर वाला बनाता है। पर कभी कभी हमारे जीवन में कुछ ऐसा घटित हो जाता है जो हमें मालूम नहीं होता है। हमारे जीवन में बहुत से बदलाव होते हैं। और सब नियति का खेल होता है। 


मुझे आज भी याद है, मैं कुछ 15 साल की रही हुँगी। और उस वक़्त नवीं कक्षा में मेरा दाखिला हुआ था। दरसल मेरे गाँव में जो स्कूल है वो आठवीं कक्षा तक ही है। तो मेरे लिए वो बिल्कुल नया और अलग था। अंजान लोग थे। मेरी बस एक दोस्त थी जो मेरे साथ स्कूल जाती थी। मैं बिल्कुल शांत स्वभाव की थी ज्यादा किसी से बात नहीं करती, जरूरत पड़ने पे ही किसी से बोलती। 


वहाँ नये शिक्षक थे, नये क्लास रूम, और सब कुछ नया ही था मेरे लिए। मेरे ज्यादा दोस्त नहीं बने थे। मैं पेंटिंग्स बनाया करती थी। और खाली समय में उसी में लगी रहती थी। 

धीरे धीरे कुछ लड़कियाँ मेरी दोस्त बनने लगी। और मेरा मन भी लगने लगा। 

मेरी जिंदगी की पहली मुलाक़ात - Hamari adhuri kahani in hindi


एक दिन मैं क्लास रूम में बैठी थी। तभी एक शिक्षक क्लास में आये उनके साथ एक लड़का था, मैं उसे बस देख रही थी एक टक। वो सबसे अलग था, मानो मैं उसे देख कर किसी और दुनियाँ में चली गयी। 


वो लड़का अपनी लिखी किताब का प्रचार करने आया था। उसने सारे बेंच पे एक एक किताब सबको पढ़ने के लिए दिया। वो बहुत कम उम्र में ही किताब लिखना शुरू कर दिया था। और इसलिए वो यहाँ किताबों का प्रचार करने आया था। सब उसकी बहुत प्रशंशा कर रहे थे। पर मैं तो उसे बस एक टक निहारे जा रही थी। किताबें बाँट कर फिर वो चला गया। 

Hamari adhuri kahani in hindi

पर मेरे दिल दिमाग में वही लड़का चल रहा था। उसी का चेहरा मेरे सामने बार बार आ रहा था। मैं ना चाह कर भी उसे भूल नहीं पा रही थी। उसकी लिखी किताबों को बार बार पढ़ती। वो कहाँ से आया था, कहाँ जाने वाला था मुझे नहीं मालूम लेकिन मैं उससे एक बार मिलना चाहती थी। लेकिन अब ऐसा मुम्किन नहीं था। 


बहुत दिन बीत गए लेकिन मैं वो मुलाक़ात भूल नहीं पायी। लगत था शायद कभी उससे फिर से मुलाक़ात होगी तो मैं उसे अपने प्यार के बारे में बताउगी। लेकिन क्या वो मेरे से प्यार करता होगा, उसे तो मेरी याद भी नहीं होगी। 


मैंने बहुत इंतेजार किया शायद मेरी मुलाक़ात उससे दुबारा हो जाए। 


लेखन और संपादन: कहानी रिश्ते की : टीम 

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