(प्रतीकात्मक छवि)
मनुष्य के साथ सभी रिश्ते भगवान के घर से ही बन कर आते हैं पति पत्नी का रिश्ता ही ऐसा है जो हम संसार में आने के बाद स्वयं बनाते हैं जिंदगी रूपी रथ के दो पहिए है यदि इनमे तालमेल अच्छा है तो जीवन की गाड़ी दौड़ने लगती है वरना हिचकोले खाने लगती है
पति पत्नी में से जब किसी एक का भी ध्यान भटकता है तो भले ही कुछ दिन दूसरे से छुप जाए पर उसे पता जरुर चलता है क्योंकि इसका असर उनके सम्बन्धों पर पड़ता है बीच में किसी ओर के आने के कारण वे एक दूसरे की ओर उतना ध्यान नहीं दे पाते, लड़ाई झगड़ा शुरू हो जाता है उनमे एक अलग तरह का गैप बनना शुरू हो जाता है अगर जल्दी ही आपसी विचार विमर्श से इस गैप को नहीं भरा गया तो यह गैप दरार का रूप ले लेती है
दोनों के बीच ख़ामोशी आ जाती है दोनों अपनी अलग दुनिया में खोने लगते हैं, एक दूसरे की परवाह न करते हुए, एक ही छत के नीचे रहते हुए भी अजनबी की तरह, और धीरे -2 वे परेशान होकर इस रिश्ते से निकलने की सोचते हैं
( कहानी रिश्ते की ) टीम / पति पत्नी का रिश्ता
लेखन और संपादन: कहानी रिश्ते की : टीम
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