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( प्यार का इंतजार ) Mere Pyar Ki, Short Love Story in Hindi

Short Love Story in Hindi - pyaar ka intajaar - sad story of my love in hindi
Short love story 



प्यार का इंतजार | Short Love Story in Hindi Sad

मेरा नाम राजेंद्र है और मैं आपको अपनी short love story in hindi बताने जा रहा हुं. क्या मुझे मेरा प्यार मिलेगा, क्या प्यार करना गलत है। हम किसी से प्यार करना नही चाहते थे, वह बस अपने आप हो गया एक कहावत सुनी होगी प्यार किया नहीं जाता हो जाता है। मेरी कहानी पर यह प्रश्न मिलता-जुलता है। एक लड़का जिसने वर्ग कॉलेज तक कभी प्यार love ऐसा कुछ भी अनुभव नहीं किया था अचानक से इतना बदल जाता है कि उसके दोस्तों को भी आश्चर्य होता है। जी हां मैंने प्यार किया है पर कैसे हुआ यह मुझे बिल्कुल पता नहीं, न चाहते हुए भी मुझे एक लड़की से प्यार हो गया। मेरा नाम राजेंद्र है। जिंदगी में मुझे हमेशा लगा कि यह प्यार व्यार का चक्कर मेरे लिए बना ही नहीं है


मैं न कभी किसी से प्यार कर सकता हूं ना तो कर पाऊंगा। मेरी जिंदगी ही कुछ अलग थी, मैं हमेशा अपने में मग्न रहता था, और वही करता जिसमें मुझे खुशी मिलती हो। कॉलेज में लगभग 7 महीने बिताने के बाद मुझे ऐसा अनुभव हुआ कि रितिका नाम की एक खुबसूरत लड़की के तरफ मैं आकर्षित हो रहा हूं। रितिका एक बेहद शांत स्वभाव की लड़की थी जो कॉलेज के अंतिम बेंच पर अपनी किताबों में खोई रहती थी। उसे किताबो से बोहोत प्यार था

Mere Pyar ki Kahani - Short Love Story in Hindi 


उसे देखकर मुझे ऐसा लगता था कि रितिका ने जिंदगी में पढ़ाई के अलावा कभी कुछ किया ही नहीं हो। काफी सरल जीवन व्यतीत करने वाली इस लड़की को कॉलेज के अलावा होने वाले किसी भी एक्टिविटी में कोई इंटरेस्ट नहीं था। मैंने भी कभी रितिका को नोटिस नहीं किया था, की इस मॉडल जमाने में इतनी सीधी साधी कोई लड़की कैसे हो सकती है। लेकिन जब मैंने रितिका की पुरी हिस्ट्री (History) चेक की तो मुझे लगा कि शायद उसमें कुछ स्पेशल है जिसे मैं काफी ज्यादा पसंद करता हूं।


फिर मैंने लगभग 20 दिन तक कोशिश की कि मैं उससे बात कर सकूं। मगर कहना एक बात होती है, और करना अलग जब भी मैं रितिका के सामने आता तो पता नहीं क्यों मेरे अंदर से आवाज ही नहीं निकल पाती थी। मुझे ऐसा लगता की मैं उसके सामने कुछ बोल ही नहीं सकता। फिर मैंने एक दिन निर्णय किया की मैं रितिका के कॉपी में लेटर लिखकर डाल दूंगा। लगभग तीन-चार लेटर लिखने के बावजूद भी रितिका के तरफ से कोई रिप्लाई नहीं आया। 


उसको लेटर लिखने के बाद वे चार-पांच दिन मैंने कैसे बिताए यह सिर्फ मैं ही जानता था। फिर मैंने डिसाइड किया की मैं खुद जाकर रितिका को सब कुछ बता दूंगा। आप जिसे प्यार करते हो ना उसके पास जाकर बाकी बातें तो कर सकते हो आसानी से लेकिन दिल की बात जब कहने की बात आती है तो वाकई में आप कुछ कह नहीं पाते‌। एसा हर लड़की लड़के को होता है, बहुत हिम्मत करने के बाद मैं उसके सामने गया और मैंने पूछा की क्या तुमने वह सब लेकर पढ़ा है जो मैंने तुम्हारी कॉपी में रखा था।


Mere Pyar ki Sad Story in Hindi


फिर उसने रिप्लाई दिया हां मैंने वह सारे लेकर पढ़े है। यह सुनकर मेरी धड़कनें तेज होने लगी, फिर मैंने हिम्मत करके पूछा रितिका तुम क्या चाहती हो वह बोली की देखिए आप बोहोत अच्छे इंसान है, पर मुझे इन सब बातों में कोई दिलचस्पी नहीं है मैं पढ़ाई करना चाहती हूं और आपको भी यही सजेस्ट करुंगी की आप भी मन लगाकर पढ़ाई करो और इन सब बातों का चक्कर छोड़ दिजिये। रितिका के मुह से यह सब सुनकर मुझे लगा की यह लड़की को अपनी बनाना मुश्किल है। मगर वो प्यार ही क्या जो इतनी आसानी से हार मान जाए। दिन भर में जम के रात भर जग के काटा वह दिन मेरी जिंदगी का अब तक का सबसे भयानक दिनों में से एक था मुझे ऐसा लग रहा था की मेरी जिंदगी से कुछ ऐसी चीज चली गई हो जिसे मैं शायद दुबारा पा ना पाऊ।


लगभग 4 दिन ऐसे ही जीवन व्यतीत करने के बाद फिर मैंने रियल लाइफ किया की रितिका के मन में किसी प्रकार की कोई गलत भावना तो नहीं है। मेरे कॉलेज के सभी दोस्तों को यह आश्चर्य हो रहा था की कोई लड़की 4 लेटर पढ़ने के बावजूद भी बिना कोई रिएक्शन दिए बिल्कुल नेचुरल कैसे रह सकती है। माउस के बॉडी लैंग्वेज में कोई परिवर्तन होता था, ना ही, रितिका के स्वभाव में उसकी वही पुरानी मुस्कुराहट उसका वही हंसने का तरीका वही जीवन जीने का तरीका उस दिन भी वहीं था, आज भी वहीं है। 

प्यार करने का नशा - Sad story of my love in hindi, Short love story in hindi 


और मैं हमेशा चाहता हूं भगवान से दुआ करता हूं कि पूरी जिंदगी वैसा ही रहे। मैं 3 दिन वैसे ही बीतने के बाद मैंने यह निर्णय लिया कि मैं हार नहीं मानूंगा और कोशिश करूंगा कि उसे कंफ्यूज करूं कि मैं तुम्हे कितना चाहता हुं और तुम्हारे बिना शायद फिलहाल मैंने जीवन जीना उस एग्जाम में बैठने के बराबर है। जिसका ना कोई क्वेश्चन मुझे आता है। ना सिलेबस आता है। मैं बस इतना जानता हुं की मैं तुमसे बोहोत प्यार करता हु।


आज भी मैं उससे बात करने की कोशिश कर रहा हु। एक न एक दिन रितिका मुझसे बात जरूर करेंगी आने वाले दिनों में भी यही कोशिश करने वाला हुं। पढ़ाई लिखाई का तो ही ख्याल भी नहीं आता जब भी किताब खोल कर बैठता हुं तो आंखों के सामने सिर्फ उसका ही चेहरा सामने आता है। मोबाइल के वॉलपेपर से लेकर दिल के वॉलपेपर तक हर जगह अभी फिलहाल वही है और शायद जब तक यहां रहूंगा वही रहेगा। मुझे नहीं मालूम कि वह मुझे क्या कहेगी, short love story  


लेकिन अगर वह मुझे कुछ भी कहेगी तो मैं उसे इतना ही कहूंगा की तुम चाहे जितनी दूर चली जाओ मुझसे लेकिन मेरे दिन की शुरुआत तुम्हें देखकर ही होती है रात में तुम्हें देखकर ही दिखता है तुम्हारे बिना जी ना ऐसा लगता है जैसे दिन में अंधेरा हो, आप कमेंट करके बताइए की मैं रितिका को कैसे विश्वास दिला सकता हु की मैं उससे कितना प्यार करता हूं वह कैसे मेरे प्यार को अपनाये और मुझसे भी उतना ही प्यार करें जितना मैं उससे करता हूं। दोस्तो मैं उसके बिना जी नही पाउंगा । मैंने रितिका को अपनी जिंदगी मान ली है, आप मुझे कोई रास्ता बताये जिससे मुझे मेरा प्यार मिल जाए। आशा करता हूं आपको मेरी कहानी पसंद आएगी हां इतना जरूर कहना चाहूंगा की यदि भगवान चाहे तो 1 दिन वह भी आएगा जब वह मेरी होगी 


 लेखन और संपादन: कहानी रिश्ते की : टीम 

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