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दो सहेलियाँ की अनोखी कहानी | Best Friends Short Story in Hindi

Best friends short story in hindi - Two Best Friends- Stories on Friendship
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दो बेस्ट फ्रेंड की कहानी- Best Friends Short Story Hindi


Hello friends, मेरा नाम राधिका है । यह कहानी Best friends short story, मेरी ओर मेरी दोस्त किषना की है। मेरी सहेली का नाम किषना है। मैं और किषना दोनो सहेलियां हमेंशा साथ ही रहती है हमे एक दुसरे को देखे बिना दिन ही नही जाता, मैं उसके बिना रह नही सकती और वो मेरे बिना। किषना मेरी बेस्ट फ्रेंड है। पर कुछ दिनो पहले हम दोनो सहेलियों में कुछ अनबन हो गई है । दोनो में झगड़ा इसलिए हुआ है कि दोनो सहेलियों के बिच तीसरी व्यक्ति आ गई है।  यह कहानी किसी तीसरे  के आने की है।


तीन साल पहले मेरी ओर किषना की दोस्ती हुई थी। तब जब हमारी स्कुल की तरफ से हम सारे प्रवास के लिए गए थे। मेरी पहली दोस्त जशोदा नाम की लड़की थी। हम सब पक्की दोस्त थी। पहले मैं किषना को नही जानती थी। फिर एक दिन  हम सारे प्रवास के लिए गए तब किषना भी आई हुई थी लेकिन तब हमारी दोस्ती नहीं हुई थी ईस लिए मैं उसको नहीं बुलाती थी। best friends short story,


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फिर हम सब प्रवास के लिए निकल पड़े पहले हम द्वारका गए वहा पर हम सबने बोहत आनंद किया और हमे बोहत मजा भी आया।


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फिर हम सबने कई सारे धामों का प्रवास किया। वही पे एक धाम पे जाते-जाते मेरे सारे पैसे खत्म हो गये। तब मे बोहत नवस हो गई थी। तब किषना मेरे पास आई और बोली।राधिका तुम ईतनी परेशान क्यु दिखाई दे रही हो। क्या तुम्हे कोई परेशानी है। फिर मैंने कहा हा मुझे परेशानी तो है पर क्या करु । फिर उसने कहा राधिका तुम्हे मेरी कसम बताओ क्या बात है ।


तब मैंने सारी बात बताई । फिर किषना ने मुझे उसके पास से थोडे से पैसे दिए। तब जाके मेरा प्रवास अछे से हुआ। उसके बाद हम सब घर चले आए । घर आने के थोडे ही दिन बाद मैने उसके सारे पैसे लोटा दिए और कहा किषना तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद तब से मेरी और किषना की दोस्ती हुई । और हमारी पकी दोस्त बन गई । उसके बाद हम साथ साथ ही बैठते है। आज भी हम साथ ही बैठते है। ओर बहोत मस्ती करते है। जब भी हम दोनो में से किसीको कोई मुश्किल होती तो दोनो मिलकर उसका हल निकाल लेते, best friends short story- Stories on friendship


लेकिन थोडे दिनो से हमारी दोस्ती के बीच कोई तीसरा आ गया । और हमारी दोस्ती मे थोडी अनबन हो गई । वह तीसरी इंसान है लक्ष्मी वो मेरी नई दोस्त बनने वाली है । उसके साथ मैं ज्यादा बात करने लगी और यह किषना को अच्छा नही लगा फिर वो मुझसे रूठ गई और मुझे बिलकुल अछा नही लगता के कोई तीसरा आके हमारी दोस्ती तोड दे। ईस लिए मेरी और किषना की लडाई हो गई । फिर मैं उसे नही बुलाती थी। पर उसके लिए मेरे दिल मैं बहुत प्यार था। लेकिन उसको भी मेरे बिना कुछ अछा नही लगता था। जो सहेलियां एक दूसरे को देखे बिना एक दिन भी नही रह सकती थी वो आज अलग हो गई थी ।


फिर एक दिन स्कूल की तरफ से हमे कुछ बुक्स मिलने वाली थी। और किषना दो दिन से स्कूल नही आ रही थी पता नही क्यु । हम सबको तो बुक्स मिल गई पर किषना की क्लास के टीचर ने मुझे बुलाई फिर टीचर मुझसे कहने लगे राधिका तुम्हारी दोस्त किषना दो दिन से स्कूल नही आ रही है । यहा पर सभी को स्कूल की तरफ से बुक्स मिल गई है सिर्फ एक किषना ही रही है। तुम बतासकती हो की क्या बात है बुक्स के पैसे भी उसे भरने है । फिर मैंने टीचर को कहा की मुझे कुछ पता नही है वो कहा गई है। पर उसकी बुक्स के कितने पैसे देने पड़ेंगे, टीचर ने कहा कि इतने पैसे देने पडेगें फिर मैंने वो पैसे भर दीए और कहा कि जब किषना आये तो यह सारी बुक्स उसे दे दीजिएगा फिर मैं अपनी क्लास में चली गई ।


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शाम के 5 बजते ही मैं उससे मिली और कहा किषना तुम दो दिन से स्कूल आती क्यों नही हो, टीचर तुम्हे बुला रहे थे। किषना ने मुझे सीधा कह दिया की मैं तुमसे कोई बात करना नही चाहती इतना कह कर वो चली गई । फिर अगले दिन किषना स्कूल आई और टीचर ने उसे बुलाकर कहा किषना तुम दो दिनो से कहा गई थी। स्कूल नही आई, उसने बताया कि मुझे कुछ काम था । किषना यहा सभी को बुक्स मिल गई सिर्फ तुम ही बाकी हो । लो तुम्हारी बुक्स, फिर उसने बुक्स उठाई और कहा कितने पैसे देने पड़ेंगे मुझे, टीचर ने कहा किषना पैसे तो दे दिये । किषना ने कहा क्या मेरे पैसे किसने किये, तुम्हारे पैसे कल राधिका ने दिये, फिर वो मन ही मन अपने आपको कोसने लगी की ये मैंने क्या किया 


फिर 5 बजते ही किषना मुझसे मिलने आई, आकर वो कहने लगी sorry राधिका मैं तुमको समझ नही पाई मुझे माफ कर दो please । क्या मेरे पैसे तुमने दिये थे राधिका फिर मैंने कहा हा पगली अगर मेरी दोस्त हाजिर ना हो तो मुझे ही उसका काम करना पड़ेगा ना फिर वो हस पड़ी ओर गले आकर लग गई पर उसकी आंखो में आँसू आ गए थे फिर मैंने भी उसको sorry बोला और फिर से हमारी दोस्ती हो गई । 


ये कैसा अपनापन है जब दोस्ती हो या फिर प्यार उसमे कोई तीसरे के आ जाने से अपने रिश्ते मे कैसी दरार होने लगती हे। तो दोस्तों आपकी दोस्ती हो या फिर प्यार इसके बीच कोई तीसरे को ना आने दें.....


  लेखिता. { राधिका कुमारी }  


लेखन और संपादन: कहानी रिश्ते की : टीम 

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