शेर और सियार की कहानी- Moral Story in Hindi
Moral Story in Hindi. नमस्ते दोस्तों आज हम एक बार फिर आपके बीच लेकर आये है, एक सच्चे मित्र शेर और सियार की कहानी, moral story of lion and jackal in hindi, जिन्हे पढ़कर आपको बहुत कुछ सिखने को मिलेगा अगर स्टोरी आपको अच्छी लगे तो नीचे कमेंट करके जरूर बताए.. और आगे भी शेयर करें। तो चलिए शुरू करते है आज की कहानी
Moral Story of Lion and Jackal in Hindi
बहुत समय पेहले की बात है हिमालय की गूफा में एक शेर रहा करता था आस पास के जंगल के जिव जंतूओ को अपना आहार बना रहा था एक दिन पास के जंगल में भैंसो का झुंड चर रहा था शेर ने एक भैंस पर हमला कर दिया ओर अपना आहार बना लिया और सारी भैंसे का झुंड दर कर भाग गया शेर ने भैंस का शिकार करके अपनी भूख सांत की और अपनी गूफा की ओर लोटने लगा।
तभी रास्ते में एक अत्यंत कमजोर सियार से उस्का सामना हुआ सियार अपने समक्ष बलशाली शेर को देख कर थोडा डर गया और बोला वंराज मैं आपकी शरण में आना चाहता हूं मुझे अपना दास बना लिजिए मैं आजीवन आपकी सेवा करूंगा और जो भी आप शिकार करके लाएंगे उसमे से बचे हुए खाने मे से मैं अपना पेट भर लूंगा शेर को सियार पर दया आ गई और शेर ने सियार को अपनी शरण में रख लिया
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शेर की शरण में सियार को बिना भटके भोजन प्राप्त होने लगा । शेर जो भी शिकार करके लाता उसमे से बचा हुआ भोजन सियार को दे देता। दोनो की दोस्ती बढ़ने लगी फिर सियार कुच ही दिनो में हट्टा कट्टा हो गया थोडे ही दिनो मै सियार बहूत बलशाली हो गया और फिर एक दिन सिंह को कहने लगा वंराज अब मैं आपसे कम नही हू। आजके बाद आप शिकार करने के लिए नही जाएंगे आजसे मैं शिकार करूंगा और आप गूफा पर रहेंगे
शेर ने कहा तूम बलशाली अवसय हो लेकिन तुम शिकार नही कर पाओगे सब जान्वर तेरा शिकार कर लेंगे शेर ने सियार को बहुत बार समझाया लेकिन सियार नही समझा और सियार शिकार करने के लिए निकल गया ओर एक पहाड़ी की तरफ चल पड़ा जहा बहुत सारे जानवर रहते थे । वहा जाकर सियार ने देखा तो भैंसो का जून्ड था सभी भैंसे चर रही थी। सियार ने सोचा कि आज इन भैंसो का ही शिकार करता हुं। सियार ने बिना कूच सोचे समझे एक भैंस पर हमला कर दिया । उसके बाद सब भैंसो ने मिलकर सियार पर हमला कर दिया
Sher aur Siyar ki Moral Story in Hindi
और बेचारे सियार की जान चली गई। जब तक सिंह वहा पहुँचता तब तक तो भैंसो ने सियार को मार दिया था। दोस्तो काल को तो यह स्वभाव है कि जब काल किसी के सर चड जाता है तो वो किसी की भी कही बात नही मान्ता ओर म्रूत्यू की तरफ आगे बडता है शेर को अपने मित्र को खोने का बहूत दूख था सियार को खोने के दूख में शेर ने खाना पिना सब छोड दिया
शेर अपने मित्र की यादे नही भूल सकता था और दिन रात रो रो के गूजार ता था एक दिन एक भेडिया ने शेर को देखा तो वोह बहुत कमजोर और दुबला पतला हो गया है। तब भेडिया ने कहा वंराज आप किस बात से दूखी हो मूजे बताव तब शेर ने कहा मेरे मित्र सियार को सब भैंसो ने मिलकर मार दिया, मैं अपने मित्र को नही भूल पा रहा हूं
Moral Story in Hindi
तब भेडिये ने कहा अगर आपको अपने मित्र को खोने का दूख है तो जाइए और अपने मित्र को मारने का बदला लो तब आपके मित्र की आतमा को सान्ती मिलेगी। तब शेर ने कहा यह बात सही है मैं अपने मित्र का बदला लून्गा । उसके बाद शेर ने फिर से खाना शुरू किया और खा खा के थोडे ही दिनो मै हट्टा कट्टा हो गया और फिर से बलशाली हो गया फिर उन भैंसो का जून्ड खोजने लगा ।
सिंह ने कई दिनो तक उस भैंसो को खोज और आखिर एक दिन उस भैंसो का जून्ड शेर को मिल गया ओर शेर ने भैंसो पर हमला कर दिया और आधी भैंसो को मार दिया ओर आधी भैंसो भागके चली गई। शेर भी बहुत घायल हो चूका था शेर ने छोचा के इस भैंसो को दो तिन दिन के बाद मारूगा ओर शेर अपनी गूफा की तरफ चला गया और दो तिन दिन के बाद आराम करके फिर से शेर अच्छा हो गया
Moral Story in Hindi
और फिर से उस बच्ची हुई भैंसो को ढूंढने लगा पूरा दिन भैंसो को ढूंढना लेकिन वह भैंसो कही नही मिली सभी भैंसे शेर की डर के बहुत दूर जा चूकी थी तब शेर थक के अपनी गूफा मै चला गया ऐसे शेर ने 4 5 दिन तक भैंसो को ढूंढा लेकिन भैंसो का जून्ड कही भी नही मिला तब शेर का सामना एक भेड़िए से हुआ और भेडिया बोला वंराज अपने मित्र का बदला लिया
शेर ने कहा मैंने आधी भैंसो को तो मार दिया है लेकिन आधी भैंसो का जून्ड मूजे कही नही मिल रहा है मुझे बताओ वोह भैंसे कहा है । तब भेड़िए ने कहा मैंने कल पास की जंगल की तरफ जाते देखा था। तब शेर उस जंगल में गया तो उस भैंसो का जून्ड चर रहा था तुरंत शेर ने उस भैंसो पर हमला कर दिया और सब भैंसो को मार दिया और अपने मित्र का बदला लिया।
Moral: तो दोस्तो देखा ना आपने कि एक सच्चा मित्र किसको कहते है । मित्र इसे कहते है जो सुख-दुख दुख में साथ रहै और अपने मित्र की मुश्किलो का सम्मान करें। अगर इन जानवरो में इतनी बुद्धि हो सकती है, तो फिर हम तो इंसान है। आप खुद समज लिजिए की आज हम इन जानवरो से भी बत्तर हो गए है। हर इंसान एक दूसरे का खुन चूसने लगे है। इंसान की दुनिया में आज भाई भाई नही रहा और मित्र मित्र नही रहा ।
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