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क्या हम अपना पहला प्यार भूल सकतें हैं ?

Kya Ham Apna Pehla Pyar Bhool Sakte Hai


हम अपना पहला प्यार भूल सकतें हैं।


बात जब प्यार की आती है तो फिर हम यह जरूर कहेंगे कि प्यार को लोग समझना ही नहीं चाहते । प्यार सिर्फ प्यार तक ही सीमित नहीं रहता उसे निभाना भी पड़ता है और हम उस प्यार को कैसे भुल जाएं जो हमने किसी से किया था। वो मुर्ख होते हैं जो अपने प्यार को ही भूल जाएं किन्तु जब त्याग की बात आए तों फिर हमें अपने प्यार भूला देना चाहिए उसी में ही सबकी भलाई होती है।


आपने मेहसूस किया होगा कि जब दो प्रेमी आपस में मिलते हैं मानो दुनिया उन्ही के लिए बनी हो, और तो और पक्षी उन्ही के लिए गुनगुना रहे हों। प्रकृति की ठंडी हवा उन्ही के लिय चल रही हों। इतनी खुशी शायद पहले कभी ना हुई हों, चलते चलते अकेले हँसना, मोबाइल में आएं हुए मैसेज को बार बार देखकर पढ़ के हंसना, दिन रात जागकर सिर्फ उसी के बारे में सोचते रहना। घंटो तक ढेरों सारी बातें करते रहना। प्यार जीवन में एक नई ऊर्जा का संचार कर देता है। इतनी खुशी केवल प्यार में रहकर ही अनुभव की जा सकती है।




अब बात करते हैं कि क्या हम अपना पहला प्यार भूल करते हैं


हाँ… आप बिल्कुल अपना पहला प्यार भूल सकते हैं किन्तु इसमें थोड़ा समय लगता है। आपने गोपालदास नीरज की दो पंक्तियाँ सुनीं होगी

........चाहे कैसा भी मौसम हो, चाहे कैसी चले बयार.....

...........बड़ा कठिन हैं भूलना पहला पहला प्यार..........

यदि सच में आपका प्यार सच्चा है तो भूलना कठिन है। किन्तु असम्भव तो नहीं है, शुरू में हमे ऐसा लगता है कि इसके बिना जीवन मुस्लिम है लेकिन आप भूल जाते है कि समय मे बहुत ताकत होती है. समय आपके बड़े से बड़े घावों को भी भूला देता है । इसी तरहा समय आपके प्यार को भी एक या फिर दो सालों में भूला देगा ।




प्यार के इस चक्र व्यूह से छूटने में. समय इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप कितने भावुक और कोमल है । लेकिन इस भावुकता से छूटना भी तो आगे की जिन्दगी के लिए एक अच्छा सबक ही तो है. 

Kya Ham Apna Pehla Pyar Bhul Sakte Hai


सच्चा प्यार भूलना कठिन जरुर है किन्तु असम्भव नही । यदि आप दूसरे प्यार के बारे में सोचेंगे तो पहले प्यार को भूलने में आपको आसानी होगी । आपको दूसरा प्यार मिल जाये तो पहले प्यार को अवश्य भूल जाएंगे । और एसा नही है कि प्यार सिर्फ एक बार ही होता है, 



प्यार का मतलब है विश्वास, ईमानदारी, जिम्मेदारी, एक दूसरे का सम्मान, फ़िक्र, सहानभूति, आदि को अपने आप में समेट के रखना भी है । जो आप एक बार फिर से कर सकते है, हम तो पुनर्जन्म में भी विश्वास रखते है, तो फिर पुनर प्रेम में क्यों नही । और जिंदगी बोहोत बड़ी है किसी भी घांव को भूलने में ज्यादा समय नही लगता है ।

First Love in Hindi

तो हम उम्मीद करते है की आपको अपने सवाल का जवाब मिल गया होगा कि "क्या हम अपने पहले प्यार को भूल सकते है" अवश्य आप अपने पहले प्यार को भूल सकते है यदि आप हमारी इन सभी बातो पर ध्यान दे तो । 

हमें उम्मीद है कि आपको हमारा आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा, यदि आप हमसे कुछ पूछना चाहते है तो आप हमे कमेंट करके बता सकते है। हम जवाब देने की पुरी कोशिश करेंगे । धन्यवाद


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