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औरत का चरित्र- Aurat Ka Charitra

औरत का चरित्र - Aurat Ka Charitra

औरत का चरित्र... 


Hello दोस्तों आज हम आपके लिए एक कहानी लेकर आए हैं जिसका नाम है, औरत का चरित्र- Aurat Ka Charitra Hindi Kahani इस कहानी में आपको औरत के चरित्र के बारे में पता चलेगा कि औरत क्या है।

दोस्तों ये कहानी पुराने जमाने की है परंतु आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा तो आप इस कहानी को अंतह तक जरूर पढ़ें......


एक छोटा सा गांव था और उस गांव के पास एक कुंआ था तो सभी औरतें रोज़ उसी कुएं से पानी भरने के लिए आती एक दिन दोपहर का समय था तभी एक जवान खूबसूरत औरत कुएं से पानी भर रही थी उसी वक्त एक आदमी कुएं के पास पहुँचा। और उस आदमी ने औरत से कहा सुनीये जी मुझे प्यास लगी है तो क्या आप थोड़ा पानी पिलाएंगी उस औरत ने कहा अरे क्यु नहीं ये लिजीए इतना कह कर उस आदमी को खुशी से पानी पिलाने लगी।



फिर उस आदमी ने पानी पीने के बाद उस औरत के सामने देखते हुए पूछा क्या मैं आपसे एक सवाल पुछ सकता हूं। औरत ने कहा हां बोलीए उस आदमी ने कहा क्या आप मुझे बता सकती हैं की भगवान भी किसी औरत के चरित्र को बता क्यों नही सकते? इतना कहने पर वह औरत जोर जोर से चिल्लाने लगी बचाओ... मुझे बचाओ... 


औरत का चरित्र - त्रिया चरित्र

उस औरत की इस तरह की आवाज सुनकर गांव के कई सारे लोग हाथ में लाठियां लेकर कुए की तरह दौड़ने लगे तो उस आदमी ने बड़ी हैरानी से कहा कि आप ऐसा क्यों कर रही है, वह आदमी इतना बोल ही पाता है तभी उस औरत ने कहा ताकि गांव के लोग आए और आपको खूब पीटें और इतना पीटे-इतना पीटे की आपके होश ठिकाने आ जाए।

Aurat Ka Charitra

औरत के मुंह से यह बात सुनकर उस आदमी ने औरत से कहा मुझे माफ करें, वह उसके सामने झुककर माफी मांगने लगा, मैं तो आपको एक भली और इज्ज़तदार औरत समझ रहा था। मुझे नहीं पता था कि आप ऐसी होंगी मुझे माफ़ करें।


वह आदमी उससे माफी मांग ही रहा था तो तभी अचानक उस औरत ने कुएं के पास पानी से भरा हुआ मटका अपने हाथ में लिया और मटके का सारा पानी अपने शरीर पर डाल दिया और अपने शरीर को पानी से भींगा दिया । इतने में तो गांव के कुछ लोग भी लाठियां लेकर कुएं के पास पहुंच गए। और पास आकर औरत से पुछने लगे की बहन जी क्या हुआ.....


औरत का चरित्र- Aurat Ka Charitra Hindi Story

गांव वालों के पुछने के बाद उस औरत ने कहा आप सब ने यहां आने में बहुत देर कर दी। मैं इस कुएं में गिर गई थी भला हो इस आदमी का जिसने मुझको जल्दी से आकर बचा लिया। यदि यह आदमी यहां नहीं होता तो आज मैं मर ही जाती।


औरत के मुंह से यह सुनकर गांव वालों ने उस आदमी का शुक्रिया अदा किया उसकी बहुत तारीफ करने लगे और सभी ने मिलकर उसको अपने कंधों पर उठा लिया। यह सब देखकर वह आदमी बस सोचे ही जा रहा था की इस औरत ने देखते ही देखते क्या कर दिया। गांव वालों ने उसका खुब आदर सत्कार किया और उसे चांदी के कड़े का इनाम भी दिया।


जब सभी गांव वाले वहां से चले गए तो उस औरत ने इसारा करते हुए उस आदमी को कहा कि क्या अब समझ में आया कि औरत क्या है। अब आप समझ चुके होंगे औरत का चरित्र । इसके बाद अब आपको किसी औरत के चरित्र को जानने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी...



अगर आप औरत को दु:ख और कष्ट देंगे उसे मान सम्मान नहीं देंगे तो वह आपका मान सम्मान सुख चैन सब कुछ छीन लेगी । समाज में आपको कलंक बनाके रख देंगी। यदि आप उसे सुख और मान सम्मान देंगे तो वह आपका फुलों से स्वागत करेगी और आपके उपर आई हुई मौत को भी मात देकर आपको बचा लेगी....

दोस्तों हमें उम्मीद है कि आपको हमारी कहानी, औरत का चरित्र- Aurat Ka Charitra काफी पसंद आई होगी और इससे आपको कुछ न कुछ सीखने को जरूर मिला होगा। तो इस कहानी को आगे शेयर जरूर करें। धन्यवाद


  लेखक: Subhash Chekhaliya  


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