Two Friends, |
दो मित्रों की कहानी- Two Friends And a Bear Story
दोस्तो आज हम एक बार फिर आपके बीच लेकर आये है, Two Friends And a Bear Story, जो खरी मुश्किल में ही पता चलता है कि कौन मित्र है और कौन दुश्मन । यह कहानी बहुत कुछ सिखा जाती है। अगर स्टोरी अच्छी लगे तो नीचे कमेंट करके जरूर बताए.. तो चलिए शुरू करते है आज की कहानी, story of two friends
एक छोटे से शहर में गोपाल और राजु नाम के दो मित्र रहते थे, दोनो की दोस्ती पक्की थी। उस छोटे से शहर में दोनो मित्र कुछ कारोबार चला रहे थे, दोनो हफ्ते के सातो दिन कारोबार चलाते और रविवार Sunday के दिन दोनो मित्र घुमने के लिए चले जाते और पुरा दिन एन्जॉय करते ।
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एक दिन गोपाल ने राजू से कहा अरे यार कुछ दिनो से कही अच्छा नही लग रहा है। चलो ना थोडे दिनो के लिए यात्रा पर निकल जाते है । फिर राजु ने कहा मेरे दोस्त गोपाल अगर हम यात्रा पर चले जाएंगे तो हमारा कारोबार बंद हो जाएगा, बहुत नुकसान हो जाएगा हमारा । गोपाल ने कहा राजु थोडे दिनो की ही तो बात है, फिर हम जल्दी से लौट आएंगे ।
Two Friends And a Bear Story, Moral story
राजु ने कहा ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी, फिर दोनो मित्र यात्रा के लिए निकल पड़े, यात्रा बहुत लम्बी थी इसीलिए कुछ सामान भी साथ में लेना पड़ा जाते-जाते उनको एक घने जंगल से गुजरना पड़ा । गोपाल राजु से कहने लगा अरे मित्र जंगल बहुत डरावना है । दोनो बाते करते-करते जा ही रहे थे की अचानक उनका सामना एक रीछ से हुआ ।
जैसे ही दोनो मित्र ने रीछ को अपनी ओर आते हुए देखा तो वो डरने लगे और उनमे से एक मित्र गोपाल शीघ्रता से बड़े से पेड़ पर चढ़ गया और पेड़ के पत्तों में अपने आप को छुपा लिया और दुसरा मित्र राजु नीचे ही रह गया उसने गोपाल को आवाज लगाई पर पेड़ पर छुपा हुआ गोपाल कुछ भी नही बोला। फिर राजु को कुछ न सूझा तो वह जमीन पर लेट गया । two friends and a bear story
जमीन पर लेट कर राजु ने अपनी सांस को रोक दी जैसे की वो मर गया हो। फिर थोड़ी ही देर में वह रीछ उस जमीन पर लेते हुए राजु के पास आया । रीछ आकर सीधा राजु को सूंघने लगा और उसे मृतक समझ कर उसे खाए बिना ही वहा से चला गया, क्योंकि रीछ सिर्फ जिंदा लोगो को ही अपना आहार बनाता है ।
Two Friends And a Bear Story- Bhalu aur do mitra
जैसे ही रीछ वहा से चला गया तो पेड़ के उपर बैठा हुआ गोपाल नीचे उतरा और अपने मित्र के पास आया और जमीन पर लेटे हुए राजु को उठाने लगा ओर कहा कि उठो मित्र रीछ चला गया फिर वो उठ गया और गोपाल उनसे कहने लगा कि मित्र राजु मुझे बताओ की रीच ने तुम्हारे कानों में क्या कहा ।
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राजु ने उत्तर दिया ओह मेरे प्यारे मित्र उस रीछ ने मुझसे बहुत अच्छी बात कही है । रीछ ने मुझसे कहा कि ऐसे मित्र पर भरोसा करके कभी यात्रा नही करनी चाहिए जो अपने मित्र को खतरे में अकेला छोड जाए । सच्चा मित्र वही होता है जो किसी भी मुश्किल में अपने मित्र का साथ न छोड़े और उन मुश्किलो का सामना करें न की छोड़कर चला जाए.....
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