चरित्रहीन स्त्री- Gautam Buddha Story
नमस्ते दोस्तो आज हम एक बार फिर आपके बीच लेकर आये है, ( गौतम बुद्ध और चरित्रहीन स्त्री की कहानी- Gautam Buddha Story in Hindi ) यह कहानी आपको बहुत कुछ सिखा जाती है। हमे उम्मीद है कि यह कहानी वाकई में आपको बहुत अच्छी लगेंगी तो चलिए शुरु करते है आज की कहानी Gautam buddha story
एक बार गौतम बुद्ध कुटिया के बाहर बैठे हुए थे और उनका एक शिष्य फुल के पौधे को पानी सींच रहा था तभी अचानक उनकी नजर गौतम बुद्ध पर पड़ी शिष्य ने देखा कि गौतम बुद्ध मुस्कुरा रहे है शिष्य तुरंत गौतम बुद्ध के पास आया और उनके मुस्कुराने का कारण पूछा । तो बुद्ध ने बताया । शिष्य बस मैं मानव परीक्षण करने की सोच रहा था। चलो आज मानव परीक्षण करते है ।
यह भी पढ़े-👉 लक्ष्य की प्राप्ति- Buddha Story
यह भी पढ़े-👉 गौतम बुद्ध और घमंडी साधु
उसके बाद गौतम बुद्ध अपने शिष्य के साथ दोनो ही किसी गाँव में गये उन्हे वहा एक वेश्या स्त्री मिली और गौतम बुद्ध से प्रश्न करने लगी के आप किसी राजकुमार और राजा की तरहा दिखते है फिर आपने सन्यास धारण क्यु किया हुआ है। गौतम बुद्ध ने उस वेश्या स्त्री को उत्तर दिया कि मैंने तीन प्रश्नो के उत्तर जानने के लिए सन्यास धारण किया है। वेश्या स्त्री ने कहा कि ऐसे कौन तीन प्रश्न है की जिसके कारण आपने सन्यास धारण किया है ।
चरित्रहीन स्त्री की कहानी- Gautam Buddha Story in Hindi
गौतम बुद्ध ने बताया की हमारा शरीर युवा और आकर्षक है लेकीन समय बितेगा और समय के साथ साथ हमारा शरीर बुढ़ा होगा और बिमार होगा उसके बाद शरीर म्रुत्यु को प्राप्त होगा, मुझे बुढ़ापा बिमारी और म्रुत्यु के कारण का ज्ञान प्राप्त करना है इसी लिए मैंने सन्यास धारण किया है। महात्मा बुद्ध की ज्ञान भरी बाते सुनकर वह स्त्री बहुत प्रभावित हुए और महात्मा बुद्ध को अपने घर भोजन करने के लिए आमंत्रित किया । जैसे ही यह बात उस गाँव वालो को पता चली तो गाँव वाले महात्मा बुद्ध के पास आकर कहने लगे कि आप उस स्त्री के घर न जाए क्योंकि वो स्त्री चरित्रहीन है ।
महात्मा बुद्ध ने गाँव के सरपंच को बुलाकर पुछा कि क्या यह सच है कि वो स्त्री चरित्रहीन है । सरपंच ने भी बुद्ध को बताया कि महात्मा इन गाँव वालो की बात सत्य है वो स्त्री चरित्रहीन है । और तब महात्मा बुद्ध ने सरपंच का एक हाथ पकड़कर कहा सरपंच जी अब आप ताली बजाकर दिखाओ, तो सरपंच को आश्चर्य हुआ और कहा कि ये तो असम्भव है। एक हाथ से ताली कभी नही बजती,
Gautam Buddha Story in Hindi
तब महात्मा बुद्ध ने कहा ठीक इसी प्रकार कोई भी स्त्री अकेली चरित्रहीन नही होती अगर वो स्त्री चरित्रहीन है तो आप सब गाँव वाले भी चरित्रहीन है । तो मुझे भी आपके घर नही आना चाहिए, अगर पहले आप चरित्रहीन नही होते तो वो स्त्री भी चरित्रहीन नही होती। महात्मा बुद्ध की बात सुनकर सभी गाँव वाले बुद्ध के सामने झुक गए और अपनी भूल की माफी मांगने लगे । और फिर महात्मा बुद्ध ने उस वेश्या स्त्री के घर भोजन किया
Moral: तो देखा आपने इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है की हमें किसी को भी चरित्रहीन कहने का हक नही है । उससे पुर्व अपने आप में देखना है कि हम पुरी तरह पवित्र है क्या हम चरित्रहीन नही है । पहले हमें तन-मन से पवित्र रहना चाहिए उसके बाद दुसरो को चरित्रहीन कहना चाहिए । धन्यवाद
Read More: Devipujak Samaj History in Hindi
दोस्तों अगर आपको यह कहानी ( चरित्रहीन स्त्री- Gautam Buddha Story in Hindi ) पसंद आई हो तो हमें Comment करके जरूर बताएं और अगर आप ऐसी ही प्रेरणादायक स्टोरीज पढ़ना पसंद करते है तो हमारे साथ बने रहे और हमारे इस ब्लॉग को सब्सक्राइब करें। इस ब्लॉग मैं हम धार्मिक स्टोरीज प्रेरणादायक स्टोरीज लव स्टोरीज, रोमांटिक स्टोरीज, और अनेको मजेदार स्टोरीज पब्लिश करते है। धन्यवाद.....
यह भी पढ़े-👉 Meri Breakup Love Story
दोस्तो अगर आप भी कोई स्टोरी लिखकर हमारी वेबसाइट kahanirishteki.com पर पब्लिश करवाना चाहते है तो आप हमारे इस Official Gmail (kahanirishteki@gmail.com) पर अपनी कोई भी स्टोरी लिखकर भेज सकते है । हम आपकी Story 24 घंटे में पब्लिश कर देंगे ।
0 टिप्पणियाँ
हेलो फ्रेंड्स प्लीज स्पैम कमेंट ना करे, पोस्ट कैसी लगी जरूर बताए और पोस्ट शेयर जरूर करें