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मैं 20 वर्षो से ईश्वर खोज रहा हुं | Gautam Buddha Motivational story in hindi

 

Gautam buddha motivational story in hindi | Motivational Story - Moral Story in Hindi | Moral Story
 Motivational Story 

ईश्वर की खोज !! Gautam Buddha Motivational Story Hindi 


नमस्ते दोस्तों आज हम एक बार फिर आपके बीच लेकर आये है, एक प्रेरणादायक कहानी, Gautam Buddha Motivational Story in Hindi, जिनको पढ़कर आप कभी भी ईश्वर खोजने के लिए नही भटकेगें अगर स्टोरी आपको अच्छी लगे तो नीचे कमेंट करके जरूर बताए.. तो चलिए शुरू करते है आज की कहानी


Gautam Buddha Ki Kahani 

उस वक्त की बात है जब भगवान बुद्ध इस धरती पर अवतरित थे, एक व्यक्ति जिसके पास धन दौलत की कोई कमी नही है उसके साथ जिवन काटने वाली पत्नी और राम लक्ष्मण जैसे दो बच्चे भी है उसके पास सबकुछ है।


फिर एक दिन उस व्यक्ति के मन में भगवान को पाने की लालसा जगी उसने सोचा कि मैंने बहुत सारा धन कमा लिया अब कभी धन की कमी नही आयेगी । पर मेरे पास ईश्वर नही है मुझे ईश्वर के दर्शन करने है। उस व्यक्ति ने ईश्वर खोजने की ठान ली । फिर उसने कई सारे मंदिरों और धर्म स्थानों का निर्माण करवाया पर उसे ईश्वर के दर्शन नही हुए ।


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फिर उसने दान पुण्य करना सुरु किया उसके खजाने से कई सारा धन दान पुण्य में लगा दिया फिर भी उसे ईश्वर नही मिले । फिर उस व्यक्तिने सोचा की अब मैं बड़े बड़े धामो के तीर्थ करता हुं । उस व्यक्ति ने कई तीर्थ स्थानों के दर्शन किए एसे ही 20 साल गुजर गए पर उस व्यक्ति को ईश्वर नही मिले।


Inspiration motivation story of mahatma buddha


भगवान को पाने की कोशिश करते करते वो इंसान थक गया और आखिरकार वो एक दिन महात्मा बुद्ध के पास गया और कहने लगा की महात्मा मैं 20 साल से ईश्वर को खोज रहा हूँ पर मुझे ईश्वर कही भी नहीं मिले । क्या आप मुझे ईश्वर पाने का कोई मार्ग दिखा सकते है।


उस व्यक्ती की बाते सुनकर महात्मा बुद्ध उससे पूछने लगे की सुनो बालक ईश्वर खोजना कोई बड़ी बात नही है वह तो बड़ी आसानी से मिल जाते है। अच्छा तुम ये बताओ की ईश्वर को खोजने के लिए तुमने क्या किया और कहा कहा खोजा । वह व्यक्ती बुद्ध को पुरी बात बताता है की मैंने कई सारे मंदिरों और धर्म स्थानों का निर्माण किया दान पुण्य किया और कई सारे तीर्थ स्थानों के दर्शन किए फिरभी मुझे ईश्वर नही मिले.... motivational story in hindi 


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महात्मा बुद्ध उसकी बाते सुनकर हस पड़े ओर कहा ठीक है तुम्हे ईश्वर के दर्शन करने है ना, तुम शाम के वक्त मेरे पास आ जाना तुम्हे ईश्वर मिल जाएंगे वो सज्जन खुश होकर चला गया की मुझे आज ईश्वर के दर्शन होंगे। फिर कुछ देर बाद संध्या होने को आई, पर महात्मा बुद्ध संध्या होने से पहले कुछ ढूंढने लगे है शिष्यों ने आकर पुछा की गुरु जी आप क्या ढूंढ रहे है महात्मा बुद्ध ने बताया की मेरे पास एक कीमती मोती था परंतु वो कीमती मोती खो गया है उसे ही ढूंढ रहा हूं ।

Gautam Buddha Motivational, Story in Hindi 


महात्मा बुद्ध की बात सुनकर शिष्य भी उस मोती को ढूंढने में लग गए । सभी मोती को ढूंढ ही रहे थे की इतने में वह व्यक्ति भी वहा पहुँच गया उसने देखा की कुटिया के बाहर महात्मा बुद्ध और उनके शिष्य कुछ ढूंढ रहे है ।


उस व्यक्ति ने बुद्ध के पास जाकर पुछा की गुरु जी आप सब क्या ढूंढ रहे है। महात्मा बुद्ध ने बताया कि मेरा कीमती मोती खो गया है उसे ही ढूंढ रहे है । Buddha Motivational Story in Hindi


यह सुनकर वो व्यक्ति भी उस खोये हुए मोती को पुरी लगन से ढूंढने लगा। ढूंढते ढूंढते रात होने को आई पर मोती नही मिला वह व्यक्ति परेशान हो गया फिर महात्मा बुद्ध से पूछा कि गुरु जी आपने आखरी बार मोती को कहां देखा था ठीक से याद किजिए 

Moral Story in Hindi - Gautam Buddha Motivational Story In Hindi 

महात्मा बुद्ध सोचकर बताते है कि मैंने आखरी बार मोती को कुटिया के अंदर देखा था यह सुनकर वह व्यक्ति थोड़ा गुस्से हो गया और बुद्ध से कहने लगा, लगता है आप में थोड़ी सी भी अक्ल नही है अगर मोती आपकी कुटिया के अंदर गुम हुआ है तो कुटिया के अंदर ही मिलेगा ना बाहर थोड़ी मिलेगा ।


आप सब व्यर्थ में बाहर इधर उधर ढूंढ रहे है और मुझे भी अपने साथ ढूंढा रहे है । आप अपना तो समय व्यर्थ कर रहे है पर दुसरो का भी समय व्यर्थ कर रहे है । फिर महात्मा बुद्ध उस व्यक्ति के सामने देखकर मुस्कुराने लगे, यह देखकर वह व्यक्ति बोला कि महात्मा आप हस रहे है मुझे कुछ समज मे नही आया


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महात्मा बुद्ध बोले वत्स मैं तुम्हे यहा बुलाकर यही तो समझाना चाहता था कि जिस ईश्वर को तुम 20 सालो से बिना सोचे इधर-उधर ढूंढ रहे हो उसे तुमने कभी अपने अंदर की कुटिया में खोजा ही नही। ईश्वर कभी खोजने से नही मिलते उसके लिए तन-मन पवित्र होना चाहिए तभी ईश्वर के दर्शन होते है । 

Gautam Buddha Story in Hindi 

अगर तुम ईश्वर के सच्चे दर्शन करना चाहते हो, तो इधर-उधर भटकना छोड़कर अपने अंतर आत्मा में ध्यान लगाओ ईश्वर तुम्हे वही मिलेंगे, अपने अंदर के ईश्वर को तुम देखलोगे तो हर जगह हर इंसान में तुम्हे बस ईश्वर ही दिखाई देंगे.....


महात्मा बुद्ध की अमृत भरी वाणी सुनकर उस व्यक्ती अपनी गलती का अहसास हुआ और बुद्ध के चरणो में गिर पड़ा ओर माफी मांगते हुए कहा कि मैं व्यर्थ में ही इधर-उधर भटक रहा था, वास्तव में तो ईश्वर हमारे अंदर ही होते है। Moral story in hindi 


  लेखिता. { Subhash Chekhaliya  }  


लेखन और संपादन: कहानी रिश्ते की : टीम 

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